Buddhadarshan News, Varanasi
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की यात्रा के 10 दिन बाद अब जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टाइनमायर 22 मार्च को काशी के दौरे पर आ रहे हैं। जर्मनी के नवनियुक्त राष्ट्रपति फ्रैंक वाराणसी में एलबीएस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरने के बाद सड़क मार्ग के जरिए सीधे भगवान बुद्ध की तपस्थली सारनाथ जाएंगे और बौद्ध दर्शन को समझेंगे। फ्रैंक के आगमन को लेकर वाराणसी में प्रशासनिक तैयारियां तेजी से चल रही है। राष्ट्रपति फ्रैंक जर्मनी एवं भारत के बीच द्विपक्षीय संबंध को मजबूत करने के लिए 22 से 25 मार्च तक तीन दिवसीय भारत यात्रा पर रहेंगे।
सारनाथ में जर्मन राष्ट्रपति धमेख स्तूप, राष्ट्रीय संग्रहालय, मूलगंध कुटी विहार का दौरा करेंगे। यहां पर उन्हें भगवान बुद्ध की प्रतिमा भेंट की जाएगी। इसके अलावा बुद्धम शरणम् गच्छामि युक्त एक विशेष किस्म की दुशाला उन्हें भेंट की जाएगी।
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काशी यात्रा के दौरान जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक वाराणसी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों का दौरा करेंगे। गंगा घाटों की नाव से सैर भी करेंगे और दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती भी देखेंगे। राष्ट्रपति के वाराणसी दौरा से पहले जर्मनी सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने शहर के प्रमुख स्थलों बीएचयू के भारत कला भवन, सारनाथ और दशाश्वमेध घाट का जायजा लिया।
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राष्ट्रपति फ्रैंक के स्वागत के लिए नौ प्वाइंट बनाए गए हैं। यहां पर 20 हजार बच्चे जर्मन राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे। उधर, बीएचयू में जर्मन राष्ट्रपति छात्रों संग संवाद करेंगे।
बता दें कि महज 10 दिन पहले 12 मार्च को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग काशी क्षेत्र के मिर्जापुर, वाराणसी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों का दौरा किया था। मैक्रों के स्वागत के लिए वाराणसी के घाटों को काफी खुबसूरती से सजाया गया था।