Buddhadarshan News, Varanasi
दुनिया के सबसे प्राचीन शहर वाराणसी (kashi) में आने वाले समय में गंगा नदी में डीजल आधारित मोटर बोट पर रोक लगाई जाएगी। जिला प्रशासन ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए डीजल आधारित मोटर बोट के बदले नाविकों को इलेक्ट्रिक मोटर बोट देने की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि नाविकों को इलेक्ट्रिक मोटर बोट का वितरण अगले साल जनवरी में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन से पहले कर दिया जाएगा। बता दें कि प्रवासी भारतीय दिवस को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी गंभीर हैं और वाराणसीवासियों को इसे सफल बनाने का आह्वान कर चुके हैं।
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प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के मद्देनजर वाराणसी में गंगा के घाटों के सौंदर्यीकरण, आकर्षक नाव और नाविकों को विशेष प्रशिक्षण, सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर बुधवार को वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बुधवार को एक बैठक बुलायी थी। बैठक में उन्होंने घाटों के सौंदर्यीकरण, आकर्षक नावों, नाविकों को विशेष प्रशिक्षण, प्रदूषण मुक्त और सुरक्षा को लेकर उन्होंने आवश्यक निर्देश भी दिए। इस बाबत जल्द ही इलेक्ट्रिक मोटर बोट का परीक्षण भी शुरू हो जाएगा।
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ऐसी होंगी मोटर बोट:
प्रवासी सम्मेलन के दौरान नावों में सुरक्षा उपकरण की व्यवस्था, लाइफ जैकेट इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी। नावों में लगाई गई इलेक्ट्रिक बैटरी की चार्जिंग के लिए घाटों के किनारे चार्जिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे। इसके अलावा नाविकों को विशेष तौर पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उन्हें नि:शुल्क यूनिफॉर्म भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ब्रांडिंग:
वाराणसी में नौकायन की ब्रांडिंग के लिए प्रशासन विशेष तैयारी कर रहा है। नाविकों का अच्छा व्यवहार, घाटों का सौंदर्यीकरण, अच्छा ड्रेस, सुरक्षा के उचित इंतजाम इत्यादि पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके प्रवासी सम्मेलन के दौरान घाटों पर सांस्कृतिक आयोजन भी कराए जाएंगे। ताकि प्रवासी भारतीय नौकायन का आनंद लेने के साथ ही भारती परंपरा, संस्कृति को करीब से देखें।