Buddhadarshan news, New Delhi
18 साल पहले सिडनी ओलंपिक में मेडल जीतने वाली हिन्द की बेटी कर्णम मल्लेश्वरी में कैलाश नाथ यादव ने अपनी बेटी का ख्वाब देखा था। कैलाश नाथ ने उसी दिन अपनी बिटिया पूनम यादव को भी कर्णम जैसी बनाने की इच्छा ठान ली थी, हालांकि इस ख्वाब को पूरा करने के लिए कैलाश नाथ को पिछले 18 सालों में अनेक संघर्ष से भी गुजरना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज उनकी बिटिया पूनम ने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड पदक जीत कर दुनिया के पटल पर हिन्दुस्तान का नाम रौशन किया है। इससे पहले वर्ष 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में भी पूनम ने कांस्य पदक जीता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दादूपुर गांव (शहर से 7 km दूर) की रहने वाली पूनम यादव ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में महिलाओं के 69 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल हासिल किया है। पूनम ने इस मेडल को देश और वाराणसी को समर्पित किया है। पूनम ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 222 km वजन उठाया।
पूनम के गांव में उत्सव का माहौल:
गोल्ड मेडल जीतने के बाद पूनम के गांव दादूपुर में जश्न का माहौल है। गांव के बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सबकी जुबां पर पूनम है। गांव में मिठाइयां बांटी गईं।
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इससे पहले पूनम यादव ने वर्ष 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में भी कांस्य पदक जीत चुकी है। ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने के लिए पूनम के पिता कैलाश नाथ को अपनी दो भैंसें बेचनी पड़ी थी। इसके अलावा उन्हें कर्ज भी लेना पड़ा।
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घर की माली हालत ऐसी थी कि 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतने के बावजूद कैलाश नाथ के पास इतना पैसा नहीं था कि गांव में मिठाई बांटें, उन्हें इसके लिए कई जगह कर्ज लेना पड़ा। हालांकि इस खेल के बाद पूनम को रेलवे में नौकरी मिल गई।
यूपी सरकार देगी 50 लाख रुपए व राजपत्रिक अधिकारी का पद:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूनम यादव सहित कॉमनवेल्थ गेम्स में जीत हासिल करने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई दी है। उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने पूनम को 50 लाख रुपए का पुरस्कार और राजपत्रित अधिकारी का पद देने की घोषणा की है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने पूनम को बधाई देते हुए कहा है कि पूनम ने अपनी प्रतिभा लगन और परिश्रम के बल पर बेहतरीन प्रदर्शन करके वेटलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक जीत कर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया।