Buddhadarshan News, New Delhi
दक्षिण दिल्ली के महरौली में 800 साल पहले निर्मित विश्व प्रसिद्ध कुतुबमीनार के संरक्षण का कार्य शुरू हो गया है। मीनार में आने वाले कबूतरों और चमगादड़ों को रोकने के लिए मीनार के रोशनदानों में जाल लगाए जाएंगे। मीनार के खराब हो चुके पुराने पत्थर बदले जाएंगे। साथ ही कुतुब मीनार परिसर में स्थित अलाई दरवाजे का भी संरक्षण किया जाएगा।
परिसर का होगा सौंदर्यीकरण:
कुतुबमीनार का मरम्मत के अलावा इसके परिसर का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा। सुरक्षा के मद्देनजर परिसर की दीवारों पर लोहे की ग्रिल लगाई जाएगी। फर्श को प्लेन किया जाएगा। प्रवेश द्वार और निकास को भी बेहतर बनाया जा रहा है।
मेट्रो की तर्ज पर टोकन से प्रवेश:
यहां पर मेट्रो रेल की तर्ज पर पर्यटकों को टोकन के जरिए प्रवेश की सुविधा शुरू की गई है। स्मारक के अंदर स्थित पुस्तक घर को पर्यटकों के बाहर निकलने वाले स्थान पर स्थापित किया जाएगा।
73 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे बड़ी ईंटों की मीनार:
कुतुबमीनार की ऊंचाई 73 मीटर है। यह दुनिया की सबसे बड़ी ईंटों की मीनार है। गुलाम वंश के शासक कुतुबद्दीन ऐबक ने 1199 में इस मीनार का निर्माण शुरू करवाया था और उसके दामाद एवं उत्तराधिकारी इल्तुतमिशन ने 1368 में इसे पूरा करवाया था। इसमें 379 सीढ़ियां हैं। इस परिसर को यूनेस्को UNESCO द्वारा विश्व धरोहर में शामिल किया गया है।
सूफी संत के नाम पर रखा गया मीनार का नाम:
इस मीनार का नाम ख्वाजा कुतुबद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया था। कहा जाता है कि इस मीनार का इस्तेमाल उसके पास बनी मस्जिद की मीनार के रूप में होता था और यहां से अजान दी जाती थी। मीनार की दीवारों पर कुरान की आयतें लिखी हुई हैं।
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यहां हैं चार अन्य ऐतिहासिक धरोहर:
कुतुबमीनार परिसर में तीन अन्य ऐतिहासिक धरोहर कुव्वत-उल-इस्लाम-मस्जिद, अलई दरवाजा और इल्तुतमिश का मकबरा भी निर्मित है।
लौह स्तंभ:
मस्जिद के पास ही चौथी शताब्दी में निर्मित लौह स्तंभ स्थित है। जिस पर आज तक जंग नहीं लगा। वैज्ञानिकों के लिए खुद में यह रिसर्च का विषय है।
जाने का माध्यम:
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से आप बस अथवा टैक्सी या ऑटो के जरिए यहां पर जा सकते हैं। बस के जरिए महज 30 रुपए में आप यहां पहुंच जाएंगे, जबकि ऑटो के जरिए जाने में लगभग 150 रुपए तक खर्च होगा।
मेट्रो के जरिए भी जाने की सुविधा:
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से दिल्ली मेट्रो के जरिए भी कुतुबमीनार जाने की सुविधा है। इस विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहर के नाम पर मेट्रो स्टेशन का नाम ‘कुतुबमीनार’ रखा गया है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गुड़गांव जाने वाली मेट्रो सेवा (हुडा सिटी सेंटर) के जरिए कुतुबमीनार मेट्रो स्टेशन पर उतर जाइए, वहां से ई-रिक्शा अथवा ऑटो के जरिए आप मीनार तक पहुंच सकते हैं।
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