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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को काल्मिकिया गणराज्य, रूस स्थित ट्रोइत्स्कोये खुरुल मठ में भिक्षुगण को संबोधित किया तथा भगवान बुद्ध की विरासत की भावना के प्रतीक के रूप में मठ के मुख्य मठाध्यक्ष को मंगोलियाई भाषा में मूल्यवान कंजूर भेंट किया।

केशव प्रसाद मौर्य ने एलिस्ता, काल्मिकिया गणराज्य, रूस स्थित राष्ट्रीय काल्मिकिया रिपब्लिकन संग्रहालय में बोधिचित्त प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया। इस अवसर पर भारत और रूस Russia के बौद्ध Buddhism धर्मावलंबियों के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ, जिसमें काल्मिक बौद्धों के केंद्रीय आध्यात्मिक प्रशासन और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के बीच एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता भारत और रूस के बीच स्थायी सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक संबंधों को मजबूत करता है और दोनों राष्ट्रों के बीच संवाद एवं सहयोग का पुल बनकर वैश्विक सद्भाव एवं करुणामय विश्व की साझा दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
काल्मीकिया में एक साक्षात्कार में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य Keshav Prasad Maurya ने कहा,
“भगवान तथागत बुद्ध की करूणा, दया और क्षमा की शिक्षा आज के परिपेक्ष्य में भी बहुत प्रासंगिक हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2014 में जब से देश की बागडोर संभाली है तब से उन्होने विश्व के बड़े से बड़े मंच से भी खड़े होकर यह कहा कि हमने संसार को तथागत बुद्ध को दिया, युद्ध नही दिया।”
डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा कि बुद्ध की शरण में जाने से शान्ति है, प्रगति है, आध्यात्मिक उन्नति भी है।
कहा कि आज वह देख रहे हैं कि काल्मीकिया में तो कई शताब्दियों पूर्व तथागत बुद्ध का सन्देश आ गया और आज यहां पूरी तरह काल्मिकिया गणराज्य बुद्धमय, बौद्धमय हो गया है। उन्होने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दुनिया भर के अन्दर भगवान तथागत बुद्ध के अनुयायियों की संख्या बढ़ेगी, क्योंकि शान्ति, प्रगति, क्षमा और आध्यात्मिक उन्नति का रास्ता भगवान तथागत बुद्ध के उपदेशों, सन्देशों, उनकी शिक्षा व उनके जीवन से मिलता है।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि भगवान बुद्ध की करुणा और शांति की शिक्षाएँ आज की वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करती हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के शब्दों में— “हमने दुनिया को बुद्ध दिया है, युद्ध नहीं” — को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि काल्मिकिया जैसे क्षेत्र भगवान बुद्ध के संदेश का सजीव उदाहरण हैं, जहाँ उनके अनुयायियों की संख्या विश्वभर में निरंतर बढ़ रही है।
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