Buddhadarshan News, New Delhi सौ करोड़ की संपत्ति का मालिक सुमीत राठौड़ और उनकी पत्नी अनामिका ने शांति की तलाश में अपना घर-बार त्यागकर जैन साधु बनने का फैसला लिया। लेकिन दंपत्ति की तीन साल की बेटी इभ्या के पालन-पोषण को देखते हुए फिलहाल केवल सुमित ही गुजरात के सूरत शहर स्थित वृंदावन पार्क में जैन साधु के तौर पर दीक्षा ले सके हैं। अब सुमित राठौर जैन साधु समित मुनि कहलाएंगे। फिलहाल उनकी पत्नी अनामिका को इंतजार करना पड़ेगा। Suspense over a Madhya Pradesh-based Jain couple for deciding to leave behind a three-year-old daughter and Rs 100 crore in property for monkhood, continued on last Saturday after only the husband took his vows and the wife, Anamika’s ceremony was postponed. Saint Ramlal said 34-year-old Anamika’s initiation would be held after completion of legal formalities. मध्य प्रदेश के नीमच शहर के व्यावसायी नाहरसिंह राठौर के बेटे और बहू ने करीब 100 करोड़ की संपत्ति, तीन साल की बेटी को छोड़ पिछले महीने संन्यास धारण करने का फैसला लिया। लेकिन 23 सितंबर को गुजरात के सूरत में 34 वर्षीय सुमित ने जैन रीति-रिवाज से साधु बन गए, लेकिन 34 साल की पत्नी अनामिका का दीक्षा कार्यक्रम फिलहाल टल गया। अनामिका की तीन साल की बेटी इभ्या के पालन-पोषण को लेकर स्वयंसेवी संस्थाओं ने नेशनल हृयूमन राइट्स कमिशन में भी शिकायत की थी। अनामिका की इच्छा काे पति ने किया पूरा- सुमित और अनामिका की शादी चार साल पहले हुई थी। अनामिका शुरू से ही धर्म के प्रति अत्यधिक आस्था रखती थी। शादी के बाद अनामिका के पति सुमित का भी धर्म के प्रति लगाव बढ़ गया और अंतत: दोनों ने साधु बनने का फैसला लिया। हालांकि दंपत्ति को अपने परिवारों को मनाना बेहद मुश्किल था। लेकिन धर्म के प्रति गहरी आस्था देखते हुए उनके परिजन भी राजी हो गए।