Sunday, December 14, 2025
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Tag: buddha

पीपल, पाकड़ जैसे देसी पेड़ों से सुधरेगी नदियों की दशा

पीपल, पाकड़ जैसे देसी पेड़ों से सुधरेगी नदियों की दशा

नदियों किनारे लगाए  जाएंगे करोड़ो पौधे बुद्धादर्शन न्यूज, नई दिल्ली गंगा और उसकी सहायक नदियों की दशा सुधारने के लिए नदियों किनारे एक करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। नदियों किनारे विशेष तौर पर पीपल, पाकड़, आम, नीम, बरगद इत्यादि के अलावा औषधीय पौधे लगाए जा रहे हैं। लखनऊ में आयोजित ‘रैली फॉर रिवर्स’ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कहा है कि भारतीय संस्कृति में नदियों को मां का स्थान प्राप्त है। नदियों की दशा सुधारने के लिए राज्य सरकार द्वारा उनके किनारे बड़ी संख्या में वृक्षारापेण किया जा रहा है। सद्गुरु ने कहा कि हमारी नदियां हमारी धरोहर हैं और हमारी प्राणदायिनी भी हैं। सद्गुरु की संस्था ईशा फाउंडेशन द्वारा लखनऊ में आयोजित  ‘रैली फाॅर रिवर्स’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की अवैज्ञानिक सोच की वजह से आज नदियों को बचाना एक चुनौती हो गयी है। अब समय आ गया है कि हम सब नदियों को बचाने के लिए अभियान स्वरूप काम करें, ताकि हमारा भविष्य सुरक्षित हो सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नदियों को बचाने के लिए ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत 20 हजार कराेड़ रुपए की व्यवस्था की है।

मस्तिष्क के शुद्धि का उपाय है विपश्यना: कोविंद

मस्तिष्क के शुद्धि का उपाय है विपश्यना: कोविंद

  Vipassana is an effective way to cleanse our mind and body, says President  -भगवान बुद्ध की देन है विपश्यना  बुद्धादर्शन न्यूज, नई दिल्ली राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नागपुर के काम्‍पटी में ड्रेगन पैलेस मंदिर परिसर में विपश्यना ध्‍ान केन्‍द्र का उद्घाटन किया।  इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि विपश्यना भगवान बुद्ध द्वारा दी गई वो तकनीक है जो हमें अपनी अंतरमन से जोड़ती है। यह हमारे मस्तिष्‍क और शरीर की शुद्धि का प्रभावी उपाय है और इसके जरिये आधुनिक युग में बढ़ते तनाव का सामना करने की शक्ति मिलती है। The President of India, Ram Nath Kovind, inaugurated a Vipassana Meditation Centre at the Dragon Palace Temple complex in Kamptee, Nagpur on 22 September 2017. Speaking on the occasion, the President said that Vipassana is a meditation technique propounded by Lord Buddha which helps us connect with our inner selves. It is an effective way to cleanse our mind and body and equips us to face the stresses of modern life. If practised correctly, it can provide the same benefit as that received from certain medicines. In this way, Vipassana is also beneficial for health in addition to being a meditation technique. He stated that like Yoga, Vipassana should not be seen as being associated with any particular religion. It is for the welfare of all humanity. राष्‍ट्रपति ने कहा कि यदि विपश्यना का अभ्‍यास सही रूप से किया जाए तो इससे वही लाभ मिल सकते हैं जो हम कुछ दवाओं से प्राप्‍त करते हैं। यह मानवता के कल्‍याण की तकनीक है। राषट्रपति ने कहा कि बौद्ध दर्शन के विचारों का प्रतिबिंब हमारे संविधान में दिखाई देता है। विशेषतौर पर समानता, सद्भाव और सामाजिक न्‍याय के सिद्धांतों के परिपेक्ष्‍य में हम अपने संविधान को पाते हैं। संविधान निर्माता डॉक्‍टर बी आर आम्‍बेडकर ने कहा था कि पुरात‍न भारत में लोकतांत्रिक पद्धति दिखाई देती है। लोकतांत्रिक पद्धति की जड़ें भारत में प्राचीन काल से है। इस संदर्भ में उन्‍होंने बौद्ध संघों में लोकतांत्रिक परम्‍परा के चलन का उदाहरण भी दिया। आज की असुरक्षा के माहौल में महात्‍मा बुद्ध द्वारा अहिंसा, प्रेम और सद्भाव का संदेश प्रासंगिक है। इससे पहले राष्ट्रपति श्री कोविंद ने दीक्षा भूमि का दौरा भी किया और बाबा सा‍हब आम्‍बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।

Domestic air travel

वाराणसी से कोलंबो के बीच शुरू हुई सीधी विमान सेवा

  बुद्धादर्शन न्यूज, नई दिल्ली एयर इंडिया की बहुप्रतीक्षित वाराणसी-कोलंबो सीधी विमान सेवा शुरू हो गई। एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक अश्वनी लोहानी ने इस सेवा की शुरूआत की। बता दें कि मई महीने में श्रीलंका यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी-कोलंबो के बीच सीधी विमान सेवा जल्द शुरू होने का भरोसा दिलाया था। चार अगस्त से वाराणसी से कोलंबो के बीच शुरू होने जा रही सीधी विमान सेवा सप्ताह में दो दिन शुक्रवार और रविवार को उपलब्ध होगी। Prime Minister #NarendraModi, who was on a two day visit to Sri Lanka in May this year, announced that from August this year, Air India will operate direct flights between Colombo and Varanasi.Varanasi is the Prime Minister’s Lok Sabha constituency. In a similar 2014 visit to Japan, Modi had signed a partnership agreement between Varanasi and Kyoto, both historically significant cities, making them sister cities. एयर इंडिया का  विमान  वाराणसी से दोपहर 12:35 बजे कोलंबो के लिए उड़ान भरेगा और दोपहर बाद 3:55 बजे वहां पहुंचेगा। इसी प्रकार कोलंबो से शाम 4:55 बजे वाराणसी के लिए उड़ेगा और रात्रि 8:20 बजे बाबतपुर पहुंचेगा। इस विमान सेवा के शुरू होने से न सिर्फ यात्रियों, श्रद्धालुओं को आवागमन में सहूलियत होगी बल्कि दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती के साथ पर्यटन को भी खासा लाभ पहुंचेगा।

दिल्ली से हरियाणा के बीच दौड़ी देश की पहली सोलर एनर्जी ट्रेन

दिल्ली से हरियाणा के बीच दौड़ी देश की पहली सोलर एनर्जी ट्रेन

  Buddhadarshan News, New delhi Indian Railways launched its first 1600 HP solar-powered DEMU (Diesel Electric Multiple Unit) train from Safdarjung Railway Station on Friday. The train will run from from Sarai Rohilla in Delhi to Farukh Nagar in Haryana.   देश की पहली सोलर ईनर्जी से चलने वाली ट्रेन शुक्रवार को पटरी पर दौड़ी। केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हरी झंडी दिखाकर स्पेशल डीईएमयू (डीजल-इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) को रवाना किया। इस ट्रेन में कुल 10 कोच (8 पैसेंजर और 2 मोटर) हैं। इस ट्रेन के 8 कोच की छतों पर 16 सोलर पैनल लगे हैं। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक सूरज की रोशनी से  ट्रेन की छत पर लगे सोलर पैनल से 300 वॉट बिजली बनेगी और कोच में लगा बैटरी बैंक चार्ज होगा। इसके जरिए ट्रेन की सभी लाइट, पंखे और इन्फॉर्मेशन सिस्टम चलेगा। यह ट्रेन हर साल 21 हजार लीटर डीजल की बचत करेगी। रेलवे का कहना है कि अगले 6 महीने में ऐसे 24 कोच और मिल जाएंगे। इस मौके पर रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि इंडियन रेलवे को इकोफ्रेंडली बनाने के लिए ये एक लंबी छलांग है. हम एनर्जी के गैर-परंपरागत तरीकों को बढ़ावा दे रहे हैं। आमतौर पर डीईएमयू ट्रेन मल्टीपल यूनिट ट्रेन होती है, जिसे इंजन से जरिए बिजली मिलती है। इसके लिए इंजन में अलग से डीजल जनरेटर लगाना पड़ता है, लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं होगी। लॉन्च हुई डीईएमयू ट्रेन दिल्ली डिवीजन के आसपास के शहरों में चलेगी।  रेलवे ने अभी इस ट्रेन के लिए रूट और किराया तय नहीं किया है। रेलवे अधिकारियों ने मीडिया को जानकारी दी कि 1600 हॉर्स पॉवर ताकत वाली यह ट्रेन चेन्नई की कोच फैफ्ट्री में तैयार की गई है, जबकि इंडियन रेलवेज ऑर्गेनाइजेशन ऑफ अल्टरनेटिव फ्यूल  ने इसके लिए सोलर पैनल तैयार किए हैं और इन्हें कोच की छतों पर लगाया गया है। इस प्रकार के कोच अगले 25 सालों तक इस सोलर सिस्टम की लाइफ है। यह न केवल पर्यावरण को बचाने में सहायक होगी बल्कि लाखों रुपये के डीजल की बचत भी होगी। ट्रेन को तैयार करने में 13.54 करोड़ का खर्च आया है। एक पैसेंजर कोच की लागत करीब 1 करोड़ रुपये आई है। इसके सभी कोच में बायोटॉयलेट, वॉटर रिसाइकिलिंग, वेस्ट डिस्पोजल, बायो फ्यूल और विंड एनर्जी के इस्तेमाल का भी इंतजाम है।  ट्रेन के एक कोच में 89 लोग सफर कर सकते हैं। सोलर पॉवर सिस्टम को मजबूती देने के लिए इसमें स्मार्ट इन्वर्टर लगे हैं, जो ज्यादा बिजली पैदा करने में मददगार साबित होंगे। साथी ही इसका बैटरी बैंक रात के वक्त कोच का पूरा इलेक्ट्रीसिटी लोड उठा सकेगा. रेलवे का कहना है कि यह ट्रेन एक बार फुल चार्ज होने पर दो दिनों तक चल सकती है। अर्थात यदि बारिश की वजह से सूरज दो दिनों तक न भी निकले तो भी इस ट्रेन की सेवा पर कोई असर नहीं आएगा।

जल्द ही यात्रियों को मिलेगी इकोनॉमी एसी कोच की सुविधा

  बुद्धादर्शन न्यूज, नई दिल्ली भारतीय ट्रेनों में जल्द ही यात्रियों के लिए इकोनॉमी एसी कोच की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस कोच के लिए किराया भी सामान्य 3 एसी के किराए से कम होगा। अब पूर्ण एयरकंडिशन भारतीय ट्रेनों में एसी 3, एसी 2 और एसी 1 क्लास के अलावा थ्री टायर इकोनॉमी एसी कोच की भी व्यवस्था होगी। इस कोच में यात्रियों को कंबल की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि इनमें टेम्परेचर 24 से 25 डिग्री होगा। फिलहाल मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में स्लीपर, थर्ड एसी, सेकेंड एसी और फर्स्ट एसी क्लास हैं, जबकि राजधानी, शताब्दी और हाल ही में शुरू की गई हमसफर एवं तेजस ट्रेनें पूरी तरह एयर कंडिशंड हैं। ट्रेनों में बेहतर सुविधाओं को लेकर रेलवे ने एक अलग से सेल बनाया है। बता दें कि हाल ही में शुरू हुई हमसफर एक्सप्रेस यात्रियों को काफी रास आ रही है, इसमें केवल 3 एसी कोच हैं।

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