shahuji Maharaj ने अपनी सारी तोपें दान कर दी
शाहूजी महाराज ने किसानों के हल के लिए तोंपें दान की
Shahuji maharaj donated all his cannons
Buddhadarshan News, Lucknow
भारतीय समाज में एक ऐसा भी राजा हुआ, जिसने अपनी प्रजा की भलाई के लिए अपनी सारी तोपें हल बनाने के लिए दान कर दिया। इस प्रजापालक राजा का नाम है कोल्हापुर रियासत के राजा राजर्षि शाहूजी महाराज। शाहूजी महाराज ने अपनी सारी तोपों को दान करने के अलावा सूखे की समस्या से निजात दिलाने के लिए किसानों का लगान भी माफ कर दिया। प्रसिद्ध मराठी साहित्यकार डॉ.सुनील कुमार लवटे ने 26 जून को लखनऊ के केजीएमयू में आयोजित शाहूजी महाराज की 144वीं जयंती के अवसर पर यह जानकारी दी। इस मौके पर यूपी के राज्यपाल राम नाईक और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी उपस्थित थीं।
बात 120 साल पहले की है, जब किसानों के हल लोहे के बजाय लकड़ी के होते थें। कोल्हापुर रियासत के राजा शाहूजी महाराज और पड़ोस की रियासत ‘औंध’ के राजा ने मिलकर लोहे के हल का कारखाना लगाया। ताकि किसानों को खेत की जुताई करने में आसानी हो।
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प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान भारत में कच्चे लोहे का आयात रूक गया। जिसकी वजह से किसानों को दिक्कत होने लगी और इसका प्रतिकूल असर खेती पर पड़ने लगा। इस समस्या से उबरने के लिए शाहूजी महाराज उस जमाने की प्रसिद्ध कंपनी किर्लोस्कर को अपने राज्य की सभी तोपें दान कर दी, ताकि इन लोहे की तोपों को गलाकर इनसे लोहे के हल बनाए जा सकें। शाहूजी महाराज के इस पहल से किसानों को हल मिल गए और फसल अच्छी होने लगी।
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जब 1887 में अकाल और हैजे की बीमारी ने रियासत की कमर तोड़ दी तो उस दौरान शाहूजी ने 1887 में किसानों के लिए रोजगार के विशेष अवसर प्रदान किए। किसानों का लगान माफ किया। सस्ते दामों में अनाज और बुआई के लिए भी उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराए।
कोल्हापुर में आज भी नहीं पड़ता सूखा:
ये राजर्षि शाहूजी महाराज की दूरदृष्टि का ही परिणाम है कि आज जहां पूरे महाराष्ट्र में सूखा और कर्ज की वजह से किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं, लेकिन महाराष्ट्र में ही स्थित कोल्हापुर में इस तरह की खबर नहीं आती है। शाहूजी महाराज ने 1909 में सिंचाई हेतु राधानगरी में बांध का निर्माण कराया। कृषि पैदावार को वाजिब दाम मिलने के लिए व्यापार में पैठ बनाई। कोल्हापुर के गुड़ को देश का बाजार मुहैया कराया। सहकारिता को बढ़ावा दिया। आज कोल्हापुर जिला 100 सिंचाई से युक्त है। कृषि पैदावार में अग्रणी है। हर तहसील में शुगर फैक्ट्री, स्पिनिंग मिल, एमआयडीसी की उद्योग इकाईयां स्थित हैं।