केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की अपील के बावजूद पुलिस भर्ती में ओबीसी अभ्यर्थियों के जीवन से खिलवाड़ कर रही है यूपी सरकार
buddhadarshan News, Mirzapur
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करने के बावजूद पुलिस भर्ती मामले में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सैकड़ों अभ्यर्थियों का जीवन अधर में लटका हुआ है। केंद्रीय मंत्री श्रीमती पटेल ने 26 सितंबर 2018 को इन अभ्यर्थियों के पुराने जाति प्रमाण पत्र को ही मान्यता प्रदान करते हुए इन्हें नियुक्तिपत्र देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था, बावजूद इसके इनकी नियुक्ति प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। रविवार को इन अभ्यार्थियों ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री श्रीमती पटेल से मुलाकात करके अपना दु:खड़ा सुनाया। श्रीमती पटेल ने इन अभ्यार्थियों को इस मामले में पूरी ईमानदारी पूर्वक मदद करने का भरोसा दिलाया। रविवार को इन अभ्यार्थियों ने केंद्रीय मंत्री श्रीमती पटेल से तीसरी बार मुलाकात की और गुहार लगाई।
उत्तर प्रदेश पुलिस मेरिट भर्ती परीक्षा 2018 में उत्तीर्ण 1366 अभ्यार्थियों का जाति प्रमाण पत्र पुराना होने के कारण भर्ती प्रक्रिया में उत्तीर्ण होने के उपरांत भी इन अभ्यार्थियों को ओबीसी श्रेणी से हटाकर सामान्य श्रेणी में डाल दिया गया है। जिससे ये अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र पाने से वंचित रह गए हैं।
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2013 में दी गई थी मंजूरी:
ऐसा संज्ञान में लाया गया है कि वर्ष 2013 में भी भर्ती के समय इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई थी जिसमें सरकार ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करके अभ्यार्थियों द्वारा संलग्न किए गए पुराने प्रमाण पत्र को मान्यता प्रदान करके ओबीसी श्रेणी में नियुक्ति कर दी थी।
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अत: केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए वंचित रह गए ओबीसी अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति पत्र जारी करने की निवेदन की थी।