चीरा लगाकर चूसने से मात्र 2 फीसदी जहर निकलता है बाहर
Buddhadarshan News, New Delhi
लेकिन सांप काटने पर फिल्मी स्टाइल में चीरा लगाकर जहर को चूसने की गलती
कभी मत कीजिए।
चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा करने से पीड़ित व्यक्ति के शरीर से केवल 2
फीसदी जहर ही बाहर आता है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के ऑनरेरी जनरल सेक्रेटरी डॉ.केके अग्रवाल ने कहते हैं कि भारत जैसे देश में बॉलीवुड (BOLLYWOOD)फिल्मों के जरिए लोगों में भ्रम है कि जब हीरोईन को सांप काट लेता है तो हीराे पहले एक चीरा लगाता है और फिर उसका जहर चूस कर उसे बचाता है।
लेकिन असलियत में ऐसा नहीं करना चाहिए।
डॉ.अग्रवाल का कहना है कि चीरा लगाना, मुंह से जहर चूसना, किसी उपकरण से चूसना, क्राईयोथैरेपी, सर्जरी और बिजली के झटके जैसे तरीके अपना ठीक नहीं है।
डॉ.अग्रवाल कहते हैं कि ऐसा करने से संक्रमण का शिकार हो सकते हैं।
नाड़ियों, नसों, रक्त शिराओं को क्षति पहुंचा सकता है।
साथ ही ऐसा करने से शरीर में से केवल 2 फीसदी जहर की मात्रा कम होती है।
प्राथमिक उपचार के तौर पर सबसे पहले मरीज़ को सांप से दूर ले जाएं।
उसे गर्म, आरामदायक और भरोसे के माहौल में रखें।
ज़ख्म को पानी और साबुन से साफ करें।
कोई नशीला पदार्थ या शराब ना पिलाएं क्योंकि यह मेडिकल जांच में बाधा बन सकता है।
सांप की पहचान करने की कोशिश करनी चाहिए और पीड़ित को तुरंत नज़दीकी उपचार
केंद्र तक ले जाना चाहिए।
अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क के वैज्ञानिक डॉ.देवानिक मुखर्जी कहते हैं कि वैसे तो भारत (India) में सांपों की 250 प्रजातियां हैं।
इनमें से 50 प्रजातियां जहरीले हैं।
लेकिन इनमें सर्वाधिक जहरीले और खतरनाक केवल चार सांप ही हैं।
सर्वाधिक चार जहरीले सांपों में करैत, कोबरा (नाग) और गेहुंअन सांप की दो प्रजातियां (रसेल वाइपर और सास्केल्ड वाइपर) शामिल हैं।
करैत के काटने से महज आधे घंटे में मर जाता है इंसान-
डॉ.मुखर्जी के मुताबिक इन चार सांपों में भी सर्वाधिक जहरीला सांप करैत होता है।
इसके काटने के आधे घंटे के अंदर इंसान दम तोड़ देता है।
यह सांप मुख्यत: रात में निकलता है।
हालांकि सबसे ज्यादा अग्रेसिव (गुस्सैल) गेहुंअन (Russell Viper) सांप होता है।
इसके अलावा कोबरा (cobra) के काटने से 3 से 4 घंटे और गेहुंअन सांप के काटने पर 8 से 10 घंटे के अंदर इंसान की मौत हो जाती है।
न्यूरो सिस्टम पर अटैक करता है करैत-
करैत और कोबरा के काटने पर सर्वाधिक असर हमारे न्यूरो सिस्टम पर पड़ता है, जिसकी वजह से शरीर पर तत्काल असर पड़ता है।
जबकि वाइपर के काटने पर हिमोटॉक्सिन (रक्त प्रवाह) पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
घोड़े के खून से बनता है इंजेक्शन-
सांपों के काटने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
सांप काटने पर घोड़े (horse) के खून से एंटी वेनिम सीरम (Anti Venom Serum) का इस्तेमाल किया जाता है।
हालांकि सांप के काटने का असर व्यक्ति के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर भी पड़ता है, यदि व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता कम है तो जहर का असर जल्दी होता है।
कई बार बगैर जहर (poison) के सदमे से हो जाती है मौत-
डॉ.मुखर्जी कहते हैं कि कई बार सांप लोगों को ड्राई बाईट (dry bite) करते हैं, अर्थात काटते तो हैं, लेकिन शरीर में जहर नहीं जाता है।
अत: डॉक्टर को इसका ध्यान जरूर देना चाहिए।
हालांकि वाइपर के काटने पर शरीर में जहर फैल जाता है।