Buddhadarshan News, Lucknow
प्रख्यात समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि यदि पिछड़ी जाति के लोग अपने से छोटी जाति के लोगों पर अत्याचार करेंगे तो छोटी जाति के लोग सवर्णों के साथ चले जाएंगे। वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री एवं लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान ने 2 जुलाई को कमेरों के मसीहा यश:कायी डॉ.सोनेलाल पटेल की जयंती के अवसर पर आयोजित “जन स्वाभिमान दिवस” कार्यक्रम में यह जानकारी देते हुए पिछड़ा वर्ग के लोगों को चेतावनी दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, महेंद्र नाथ पाण्डेय, अपना दल (सोनेलाल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल उपस्थित थें।
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केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि डॉ. लोहिया ने कहा था कि सबसे पहले ऊंची जाति के हाथों से पिछड़ों के हाथ में सत्ता स्थानांतरण होगी। पिछड़ों में भी सबसे पहले सत्ता यादवों के पास जाएगी। लेकिन यदि पिछड़ा वर्ग भी अपने से छोटी जाति पर अत्याचार करेगा तो छोटी जाति के लोग ऊंची जाति के साथ हाथ मिलाने का काम करेंगे।
जाति व्यवस्था ने देश को रखा गुलाम:
केंद्रीय मंत्री श्री पासवान ने कहा कि देश में इतने वर्षों तक गुलाम होने की मुख्य वजह जाति व्यवस्था है। जब तक जाति व्यवस्था खत्म नहीं होती है, तब तक बराबरी का अधिकार नहीं आ सकता है। इसलिए जाति व्यवस्था को खत्म करने के लिए इस परिवार में पैदा होकर हमलोग तो लड़ते ही हैं, हमलोग कोई क्रांतिकारी कार्य नहीं करते हैं। उच्च वर्ग में पैदा होकर भी गरीबों के लिए जो लड़ता है, वही क्रांतिकारी होता है।
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भगवान बुद्ध क्षत्रिय थे:
भगवान बुद्ध क्षत्रिय थें, लेकिन सामाजिक विषमता के खिलाफ जेहाद छेड़ा। स्वामी दयानंद सरस्वती ब्राह्मण थे, लेकिन उन्होंने पाखंडवाद के खिलाफ लड़ाई शुरू की। स्वामी विवेकानंद जी कायस्थ थें, उन्होंने कहा कि ऐ ऊंची जाति के लोगों समय रहते अपना अधिकार इन शूद्रों के हाथों में दे दो, नहीं तो उठेगा तो एक फूंक से तुम्हारी सारी ताकत को उठाकर रख देगा। वीपी सिंह क्षत्रिय थे, राजा थें, यदी वीपी सिंह 1989 में प्रधानमंत्री नहीं बने होते तो मंडल कमिशन लागू नहीं हो पाता।
इस मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.महेंद्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि डॉ.सोनेलाल पटेल ने राजनीति के नाम पर खुद को आगे नहीं बढ़ाया, बल्कि उन्होंने अपना गवां कर राजनीति की और समाज के कमजोर वर्ग को जागरूक करने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि अनुप्रिया पटेल अपने पिता के सपने को साकार करने के लिए संसद और संसद के बाहर भी आवाज उठा रही हैं।