-चार चरणों में विकसित किया जा रहा है काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर
-सदियों से दुश्मनों के निशाने पर रहा काशी विश्वनाथ
Buddhadarshan News , Varanasi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का शिलान्यास किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने मिर्जापुर मठ की जमीन पर फावड़े से गड्ढा खोदकर भूमि पूजन किया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कॉरिडोर के लिए जमीन देने वालों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘कई सालों बाद बाबा विश्वनाथ को मुक्ति मिली है। अभी तक बाबा विश्वनाथ मकानों और दीवारों में बंद और जकड़े हुए थे।’
सदियों से दुश्मनों के निशाने पर रहा काशी विश्वनाथ:
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘सदियों से काशी विश्वनाथ दुश्मनों के निशाने पर रहा। अनेक बार ध्वस्त हुआ। अपने अस्तित्व के बिना जिया। यहां की आस्था ने इसे पुनर्जीवित किया।’
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पीएम मोदी ने कॉरिडोर के लिए 300 मकानों का अधिग्रहण किए जाने पर सीएम योगी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अब मां गंगा को सीधे बाबा भोलेनाथ से जोड़ दिया गया है। इस पूरे धाम में 40 से ज्यादा पुरातात्विक मंदिर मिले हैं। अब इन मंदिरों की मुक्ति का रास्ता भी खुला है।
काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर, एक नजर:
काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर को चार चरणों में पूरा किया जाएगा। इसे दो हिस्सों में बांटा गया है।
पहले और तीसरे चरण को पहले पूरा किया जाएगा। दूसरे और चौथे चरण को बाद में पूरा किया जाएगा।
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पहले चरण के तहत मंदिर और आसपास का इलाके को विकसित किया जाएगा। तीसरे चरण में गंगा घाट के किनारे विकसित किया जाएगा। ताकि श्रद्धालु सीधे गंगा स्नान के बाद मंदिर तक पहुंच सके। नेपाली मंदिर से ललिता घाट, जलासेन घाट से लेकर सिंधिया घाट तक को शामिल किया गया है।
दूसरे और चौथे चरण की परियोजना घनी आबादी वाली क्षेत्र से जुड़ी हैं। यहां भवनों की खरीद और अतिक्रमण को हटाना है।
दो पुराने पुस्तकालयों का होगा आधुनिकीकरण:
मंदिर कॉरिडोर में आने वाले दो पुराने पुस्तकालयों का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा। इस परियोजना में लगभग 24 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें से एक डिजिटल लाइब्रेरी होगी।
-25 हजार वर्ग मीटर में विकसित होगा कॉरिडोर
-296 भवनों की खरीद
-227 निजी संपत्तियां