Buddhadarshan News, Patna
यदि आप तथागत की तपोभूमि बिहार को करीब से देखना चाहते हैं तो इन 14 महत्वपूर्ण स्थलों पर जरूर जाएं।
ये 14 महत्वपूर्ण स्थल बिहार की प्राचीन गौरवगाथा और प्राचीन भारत का दर्शन कराता है।
1.गया, 2.नालंदा, 3.राजगीर, 4.पटना, 5. वैशाली,
6.मुंगेर, 7.सीतामढ़ी, 8. पावापुरी, 9. विक्रमशिला विश्वविद्यालय का खंडहर, भागलपुर,
10.लौरिया स्तंभ, पश्चिमी चंपारण, 11. केसरिया स्तूप, पूर्वी चंपारण, 12. नवलखा पैलेस,
13. शेरशाह सूरी का मकबरा, सासाराम, 14. बाल्मीकि नगर उद्यान
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भगवान बुद्ध को यहीं पर ज्ञान की प्राप्ति हुई।
यह शहर दुनिया के पवित्र स्थलों में से एक है।
यह फाल्गु नदी के किनारे स्थित है।
इसकी एक शाखा निरंजना नदी भी है।
यहां का महाबोधि मंदिर दुनिया में प्रसिद्ध है।
यहां विष्णुपद मंदिर भी स्थित है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार फल्गु नदी के तट पर पिंडदान करने से मृत व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
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विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय यहां स्थित था।
इसकी स्थापना 450 ई. में गुप्त शासक कुमारगुप्त ने की थी।
यहां दुनिया भर के छात्र अध्ययन के लिए आते थे।
विश्वविद्यालय के छह गेट थे। प्रत्येक गेट पर एक विद्वान पंडित होता था।
वह गेट पर ही इच्छुक छात्रों की प्रवेश परीक्षा लेता था।
12वीं सदी में बख्तियार खिलजी ने इसे नष्ट कर दिया।
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3.राजगीर.
यह सात पहाड़ियों से मिलकर बना है।
प्रत्येक पहाड़ी पर कोई न कोई बौद्ध, जैन या हिन्दू मंदिर स्थित हैं।
यहां सोन भंडार, जरासंघ का अखाड़ा, गर्म जल के कुंड, विश्व शांति स्तूप इत्यादि प्रमुख स्थल हैं।
भगवान बुद्ध यहां पर अपने शिष्यों को उपदेश देते थें।
इसे पाटलिपुत्र के नाम भी जाना जाता है।
प्राचीन काल में यह भारत (मगध सम्राज्य) की राजधानी होती थी।
यह शहर अपने समृद्धि के लिए जाना जाता था।
सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह का यहीं जन्म हुआ था।
यहां बिहार संग्रहालय, गोलघर, बुद्ध स्मृति पार्क, हनुमान मंदिर, शहीद स्मारक, अगम कुंआ, कुम्हरार इत्यादि प्रमुख स्थल स्थित हैं।
5.वैशाली:
दुनिया का पहला लोकतंत्र (रिपब्लिक) यहीं पर स्थापित हुआ था।
यह भगवान महावीर की जन्मस्थली भी है।
यहां अशोक स्तंभ, बौद्ध स्तूप, विश्व शांति स्तूप इत्यादि प्रमुख स्थल स्थित हैं।
6.मुंगेर:
योग प्रेमियों के लिए यह शहर प्रसिद्ध है।
इसे ‘बिहार स्कूल ऑफ योगा’ भी कहते हैं।
मुंगेर का किला और सीताकुंड भी प्रसिद्ध है।
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7.सीतामढ़ी:
इसे माता सीता की जन्मस्थली के तौर पर जाना जाता है।
यहां जानकी मंदिर, उर्बीजा कुंड, हलेश्वर स्थान , पंथ पाकड़, बगही मठ इत्यादि प्रमुख स्थान हैं।
8.पावापुरी:
भगवान महावीर को यहीं पर मोक्ष (मृत्यु) की प्राप्ति हुई थी।
यहां का जल मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। यहां पर भगवान महावीर एक चरण पादुका है।
9. विक्रमशिला विश्वविद्यालय का खंडहर:
भागलपुर शहर से 50 किमी पूरब में यह खंडहर स्थित है।
पाल वंश के राजा धर्मपाल ने आठवीं सदी में इसकी स्थापना की थी।
10.लौरिया अशोक स्तंभ, पश्चिमी चंपारण:
पश्चिमी चंपारण जिले के लौरिया का अशोक स्तंभ काफी प्रसिद्ध है।
इस स्तंभ के शीर्ष पर शेर की आकृति बनी है।
यह सम्राट अशोक के शासन काल में वीरता और वैभव का प्रतीक है।
रामपुरवा का स्तंभ इससे एक साल पहले बना।
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11.केसरिया स्तूप, पूर्वी चंपारण:
भारत में इसे सबसे बड़ा बुद्ध स्तूप माना जाता है।
104 फीट की ऊंचाई के साथ यह एक भव्य और शानदार संरचना है।
महात्मा गांधी ने स्वदेश आगमन पर चंपारण से ही अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था।
12. नवलखा पैलेस, मधुबनी:
नवलखा पैलेस का अवशेष (मधुबनी) इसकी वस्तुकला बेजोड़ है।
यहां उद्यान, तालाब और मंदिर हैं।
13.शेरशाह सूरी का मकबरा, सासाराम:
मध्यकाल में भारत के बादशाह शेरशाह सूरी ने अपने जीवनकाल में 1545 ई. में इस मकबरा का निर्माण कराया था।
यह कब्र भारत- इस्लामी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
यह 1130 फीट लंबे और 865 फीट चौड़े तालाब के मध्य में स्थित है।
इसकी गुंबद की ऊंचाई ताजमहल से 10 फीट अधिक है।
14.बाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान:
गंडक नदी के किनारे स्थित यह उद्यान चंपारण के शिवालिक पर्वत श्रंखला पर स्थित है।
यहां पर बाघ, भेड़िया, चीता, तेंदुआ, अजगर, हिरन, चीतल, सांभर, नील गाय, हाइना, एक सींग वाले राइनोसिरस इत्यादि पाए जाते हैं।