बुद्ध न्यूज, नई दिल्ली
भारत आसियान (थाइलैंड, इंडोनेशिया, मलयेशिया, म्यांमार, वियतनाम, फिलिपींस, ब्रुनेई, कंबोडिया, लाओस) और सार्क देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, भारत, मालदीव) में भी बौद्ध सर्किट विकसित करेगा, ताकि विश्व के शेष हिस्सों से बौद्ध श्रद्धालु इन स्थलों का दर्शन कर सकें। पर्यटन सचिव विनोद जुत्शी ने अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन 2016 के दौरान सारनाथ में यह जानकारी दी।
सारनाथ में आयोजित सम्मेलन में ’भारत-बुद्ध की भूमि’ और बुद्धायन संघ बनाने के विषय’ पर संवाद गोष्ठी हुई। भारतीय टूर ऑपरेटरों की विदेशी टूर ऑपरेटरों और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में शामिल होने वाले प्रतिनिधियों के साथ बैठक भी हुई। सम्मेलन में आए विदेशी प्रतिनिधि बिहार में बौद्ध विरासत का अनुभव करने नालंदा, राजगीर और बोधगया भी जाएंगे। भारत में बौद्ध विरासत और दर्शनीय स्थलों को प्रदर्शित करने के लिए पर्यटन मंत्रालय 2 से 6 अक्टूबर 2016 उत्तर प्रदेश और बिहार के सहयोग से पांचवां अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन आयोजित कर रहा है।
आसियान और सार्क देशों में बुद्ध विरासत-
आसियान और सार्क देशों में भगवान बुद्ध के अनुयायी काफी तादाद में हैं और इन देशों में काफी तादाद में बौद्ध धर्म के ऐतिहासिक स्थल हैं।