Buddhadarshan News, New Delhi
अपने हकों, अधिकारों की मांगों को लेकर अब महिला किसान भी आवाज उठाने लगी हैं। फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य में किसानों की लागत मूल्य को समुचित रूप से शामिल करने की मांग को लेकर बुधवार को देश के विभिन्न हिस्सों से आईं महिला किसान दिल्ली स्थित कृषि कीमत एवं मूल्य आयोग की चौखट पर पहुंच गईं। ये महिला किसान आयोग के सचिव प्रो.विजय पाल शर्मा से जानना चाहती थीं कि ऐसी हालत में उनका परिवार कैसे चलेगा।
दक्षिण हरियाणा के रेवाड़ी की महिला किसान राजबाला यादव का कहना है कि किसान में परिवारों को भोजन, कपड़ा, बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर खर्च वहन करना पड़ता है। किसान साल भर की कठित परिश्रम से जो फसल उपजाते हैं, उसका कीमत बाजार से काफी कम होता है, जिसकी वजह से उसे लागत मूल्य भी प्राप्त नहीं हो पाता है। उन्होंने मांग की कि उत्पादन लागत के मुकाबले कम से कम 50 परसेंट लाभ का मार्जिन होना चाहिए और सभी किसानों के लिए कानूनी अधिकार सुनिश्चित करवाएं। रेवाड़ी स्वराज अभियान की कुसुम यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी अपने चुनाव अभियान के दौरान लागत का न्यूनतम 50 परसेंट अधिक मूल्य का वादा भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल था। लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया।