Buddhadarshan News, New Delhi
केंद्र सरकार ने वायु प्रदूषण से निजात पाने के लिए पराली के प्रबंधन पर प्रति हेक्टेयर 4 हजार रुपए खर्च करेगी। इस बाबत उत्तर भारत के कृषि प्रधान राज्य पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लिए धन का आवंटन भी किया है।
एनजीटी के आदेश के बाद पराली (फसल अवशेष) के प्रबंधन के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी करके पराली जलाने के हानिकारक प्रभावों के बारे में किसानों को जागरूक करने को कहा है। इसके तहत जीरो टिल, सिड ड्रिल, हैप्पी सीडर, स्ट्रॉ बेलर, रोटावेटर, पैडी स्टॉ चोपर (मल्चर), रेक, स्ट्रॉ रिपर, श्रेडर जैसे उपकरणों को ग्राम स्तरीय फॉर्म मशीनरी बैंकों के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जाय। इन उपकरणों के जरिए फसल अवशेष का सही ढंग से प्रबंधन होगा और इन्हें जलाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। इस बाबत केंद्र सरकार ने प्रति हेक्टेयर 4 हजार रुपए खर्च करने का फैसला किया है।
धन का आवंटन (वर्ष 2017-18)
पंजाब – 48.50 करोड़ रुपए
हरियाणा- 45.00 करोड़ रुपए
राजस्थान- 9.00 करोड़ रुपए
उत्तर प्रदेश – 30.00 करोड़ रुपए