टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए आक्रामक रणनीति के तहत केंद्र सरकार इसका इलाज करने वाले निजी डॉक्टरों को प्रोत्साहन राशि देने पर विचार कर रही है। इसके अलावा उनके पास इलाज कराने वाले मरीजों को भी आर्थिक मदद और मुफ्त दवाएं देने पर विचार किया जा रहा है। केंद्र सरकार टीबी उन्मूलन के लिए ‘राष्ट्रीय रणनीतिक योजना’ को अंतिम रूप दे रही है।
राष्ट्रीय रणनीतिक योजना’ के तहत निजी डॉक्टरों के पास इलाज कराने वाले टीबी मरीजों को अन्य सुविधाओं के साथ-साथ दो हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का प्रस्ताव है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को ‘विश्व तपेदिक दिवस’ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘राष्ट्रीय रणनीतिक योजना’ को एक महीने में अंतिम रूप दे दिया जाएगा|
रिपोर्ट में टीबी को भारत की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या बताया गया है। इसके अनुसार, टीबी से प्रतिदिन अनुमानत: 1,400 लोगों की मौत हो रही है. इसके अलावा हर साल एक लाख से अधिक मामले अधिसूचित नहीं हो पाते हैं। इन मरीजों का या तो इलाज नहीं हो पाता है या फिर निजी डॉक्टरों के पास आधी-अधूरी चिकित्सा हो पाती है।
इस तरह मिलेगी प्रोत्साहन राशि
1. निजी डॉक्टरों को ‘टीबी केयर इन इंडिया’ के मानकों के हिसाब से इलाज करना होगा। प्रति मामले की अधिसूचना पर उन्हें 250 रुपये दिए जाएंगे।
2. हर महीने इलाज के लिए उन्हें 250 रुपये दिए जाएंगे। कोर्स पूरा हो जाने के बाद उन्हें 500 रुपये मिलेंगे।
3. दवा संवेदनशील मरीज की अधिसूचना और 6-9 महीने की चिकित्सा के लिए निजी डॉक्टर 2,750 रुपये के हकदार होंगे।
4. दवा प्रतिरोधी मामलों में मरीज की अधिसूचना और 24 महीने से अधिक के इलाज के लिए निजी डॉक्टरों को 6,750 रुपये दिए जाएंगे।
साभार – http://healthyzindagi.com/new-national-policy-for-tb/