ओएनजीसी, कोल इंडिया लिमिटेड, बीएचईएल, गेल इंडिया लिमिटेड, सेल, एनटीपीसी लिमिटेड, ऑयल इंडिया लिमिटेड, पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड सहित महारत्न, नवरत्न एवं अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न उपक्रमों ने कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी की। इसके अलावा सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के विभिन्न बैंकों जैसे भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, येस बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूको बैंक समेत करीब 20 बैंकों ने भी नमामि गंगे कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में भागीदारी की और इस कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य से विचारों का आदान-प्रदान किया। आदित्य बिड़ला समूह की जेएसडब्ल्यू एवं टाटा संस जैसी कॉर्पोरेट जगत की कंपनियों ने भी इस कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी की और अपने विचार साझा किए। बता दें कि गंगा की स्वच्छता को लेकर वर्ष 2014 में स्वच्छ गंगा निधि स्थापित की गई। इसका उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण में योगदान देने के इच्छुक लोगों को प्रोत्साहित करना है।