Buddhadarshan News, Varanasi
भगवान बुद्ध एवं महादेव की नगरी वाराणसी का तस्वीर अगले कुछ वर्षों में बदल जाएगी। पूर्वांचल में स्थित इस प्राचीन शहर में पर्यटन को बढ़ाने के लिए 3473 करोड़ रुपए की लागत से सड़कों की सौंदर्यीकरण एवं चौड़ीकरण किया जाएगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को वाराणसी से कन्याकुमारी तक जाने वाली देश की सबसे लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग 7 का चौड़ीकरण करने की मेगायोजना का शिलान्यास किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार वाराणसी पहुंचे। राष्ट्रपति महोदय ने इस अवसर पर वाराणसी रिंग रोड फेज टू का भी शिलान्यास किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनुप्रिया पटेल और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री मनसुख एल मांडविया भी उपस्थित थें। राष्ट्रपति महोदय ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक द्वारा संस्कृत में अनुदित पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति’ का विमोचन किया।
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राष्ट्रीय राजमार्ग 7 का वाराणसी के हुनमना खण्ड से मध्यप्रदेश की सीमा तक कुल 125.165 किलोमीटर तक चार लेना का चौड़ीकरण एवं उन्नयन किया जाएगा। इसे तीन फेज में पूरा किया जाएगा। इस परियोजना पर 2118 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
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रिंग रोड फेज 2:
वाराणसी रिंग रोड फेज 1 अब जल्द ही पूरा होने वाला है। यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 2 के हरहुआ नामक स्थान से गाजीपुर के संदहा के बीच पूरा होने वाला है। यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 56, 233 और 29 से होते हुए गुजरेगा।
वाराणसी रिंग रोड फेज टू को दो हिस्सों में पूरा किया जाएगा। पहला हिस्सा रखौना-हरहुआ के बीच 16 किलोमीटर का निर्माण होगा। दूसरा हिस्सा संदहा से रिवासा तक 29 किलोमीटर का निर्माण किया जाएगा। वाराणसी रिंग रोड फेज टू पूरा होने पर शहर के अंदर ट्रैफिक जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। आवागमन सुगम हो जाएगा।
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प्राचीन काल से वाराणसी ने उत्तर भारत और पूर्व भारत को गंगा जलमार्ग तथा सड़क मार्ग से जोड़े रखा है। गंगा नदी ने नगर और क्षेत्र की संस्कृति, सभ्यता, व्यापार और विकास में विशेष योगदान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संसदीय क्षेत्र से आते हैं। प्रधानमंत्री ने वाराणसी के विकास के लिए काफी कार्य किया है। – राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद