Buddhadarshan News, Lucknow
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने टूरिज्म फेलोशिप कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित शोधार्थियों को प्रमाण पत्र सौंपा। गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ’राज्य में विदेशी पर्यटन बढ़ाने में शोधार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। वे संस्कृति, आयुष सहित अन्य विभागों से समन्वय कर प्रदेश के पर्यटन आकर्षणों के प्रचार-प्रसार की योजना बनाएं।
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मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की अपनी विशिष्टता है। धार्मिक, आध्यात्मिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक सहित पर्यटन के अन्य आयामों की बदौलत उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में पहले स्थान पर है। विदेशी पर्यटकों के आगमन में भी उपलब्धि हासिल करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इसमें शोधार्थियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा, ’वे विभिन्न विभागों से समन्वय बनाकर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए योजनाएं बनाएं। पर्यटन विभाग के द्वारा मेले, महोत्सव आदि के जो आयोजन किए जा रहे हैं या विभाग द्वारा जो प्रायोजित होते हैं, उसमें भी अपना योगदान दें। युवा पर्यटन क्लब सदस्यों को ब्रांड एंबेसडर के रूप में तैयार करें।‘’
प्रमुख सचिव ने कहा, ’स्थानीय लोगों को पर्यटकों के बारे में धारणा बदलने की जरूरत है। कमाई का जरिया नहीं बल्कि अतिथि मानने की आवश्यकता है। अतिथि देवतुल्य होता है। जिस दिन हम यह भाव पैदा करने में सफल हो गए, निश्चित रूप से पर्यटन में बहुत तेजी से वृद्धि होगी।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने अपने संदेश में कहा कि राज्य में पर्यटन विकास के लिए पिछले दिनों शोधार्थियों का चयन किया गया। इन्हें मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान एमकेआईटीएम में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहले बैच के प्रशिक्षित शोधार्थियों को प्रमाण पत्र सौंपा गया है। इन्हें चित्रकूट, श्रावस्ती, फर्रुखाबाद के संकिसा, सहारनपुर में शाकुंभरी देवी, बलरापुर देवी पाटन, सीतापुर नैमिषारण्य, मुजफ्फरनगर में शुकतीर्थ, कुशीनगर, दुधवा, कपिलवस्तु, वाराणसी, प्रयागराज, पीलीभीत और अयोध्या सहित अन्य स्थलों पर भेजा जाएगा। उनकी रिपोर्टिंग जिलाधिकारी को होगी।
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