Buddhadarshan News, Ballia
रोजगार अथवा किसी कारणवश भले ही आप सात समुंद्र पार चले गए हों, लेकिन एक न एक दिन आपको अपनी माटी की खूशबू जरूर खींच लाएगी। गिरमिटिया मजदूर के तौर पर आज से लगभग 150 साल पहले मारीशस गए पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के एक मजदूर का वंशज आज मारीशस का प्रधानमंत्री बन गया है। आज इस वंशज को अपने पुरखों की याद में भारत खींच लाई है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविन्द जगन्नाथ भारत में अपनी जड़े तलाश रहे हैं। पीएम के पैतृक गांव को तलाशने के लिए मॉरीशस सरकार ने भारत सरकार से संपर्क किया है। भारत सरकार के आदेश पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के रसड़ा तहसील में मॉरीशस के प्रधानमंत्री की जड़ें तलाशी जा रही हैं। इस बाबत जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। प्रशासन पुराने अभिलेखों को खंगालने के काम शुरू कर दिए।
अब मीरजापुर में रोप-वे से करें मां अष्टभुजा का दर्शन
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविन्द्र जगन्नाथ अपने पूर्वजों की जन्मस्थली को बेहद करीब से जानना चाहते हैं। वह अपने पैतृक गांव को देखने के साथ ही भारतवासियों से अपने संबंधों को और अधिक मजबूत करना चाहते हैं। चूंकि अंग्रेजी हुकूमत ने प्रविंद जगन्नाथ के पूर्वजों को लगभग डेढ़ सौ साल पहले 1873 में गन्ना की खेती के लिए मॉरीशस भेज दिया था। पीएम प्रविन्द के पूर्वज ‘अहीर’ (यादव) जाति से हैं।
http://www.buddhadarshan.com/buddhas-third-highest-statue-established-in-ghoda-katora-lake-in-rajgir/
जनवरी में बलिया आएंगे पीएम जगन्नाथ:
चूंकि अगले महीने वाराणसी में आयोजित अप्रवासी भारतीयों के सम्मेलन में पीएम जगन्नाथ शिरकत करने आ रहे हैं। सम्मेलन में पीएम जगन्नाथ एक सत्र की अध्यक्षता भी करेंगे। ऐसे में वह 24 जनवरी को बलिया जनपद के रसड़ा तहसील में आने की संभावना ज्यादा है। खास बात यह है कि पीएम प्रविन्द्र के पिता अनिरूद्ध जगन्नाथ 18 साल तक मॉरीशस के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
पर्यटन का नया केंद्र इब्राहिमपट्टी स्थित अवधूतेश्वर महादेव मंदिर
गिरमिटया मजदूर के तौर पर मॉरीशस गए थे पूर्वज:
बलिया जिला प्रशासन का कहना है कि मॉरीशस गए पीएम प्रविन्द के पूर्वज के पिता का नाम बिदेशी और माता का नाम बतासिया अभिलेखों में दर्ज है। लेकिन यह पता नहीं चल पा रहा है कि पीएम के पूर्वज रसड़ा के किस परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इस बाबत जिला प्रशासन आसपास के इलाकों में इसका प्रचार प्रसार करा रहा है, ताकि किसी बुजुर्ग व्यक्ति को इस बाबत जानकारी हो तो प्रशासन को बताए।