बुद्धादर्शन न्यूज, नई दिल्ली : भारत के पश्चिमी हिस्से में 606 साल पहले बसाई गई प्रसिद्ध शहर अहमदाबाद को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा मिला है। यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज काउंसिल ने अहमदाबाद को यह दर्जा दिया है। यूनेस्को में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली रुचिरा कंबोज ने सोशल मीडिया ट्विटर के जरिए शनिवार को इसकी जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर खुशी जाहिर की है।
रुचिरा ने लिखा है, ‘बहुत ही रोमांचित होकर घोकर घोषणा कर रही हूं कि अहमदाबाद को यूनेस्को द्वारा भारत का पहला वैश्विक धरोहर शहर का दर्जा दिया गया है। पिछले 600 सालों से अहमदाबाद एक शांतिप्रिय शहर के रूप में पहचाना जाता रहा है। यही वो शहर है जहां से महात्मा गांधी ने अंग्रेजों से देश को आजाद कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत की थी।’
अहमदाबाद में अनेक हिंदू और जैन मंदिर है जिनकी लकड़ी पर काफी सुंदर ढंग से नक्काशी की गई है। लकड़ी पर बनी ये नक्काशियां यहां आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेती हैं। यह शहर इंडो-इस्लामिक वास्तुकला और हिंदू-मुस्लिम कला का एक जीता जागता उदाहरण है। शहर की हवेलियां आज भी पुराने राजा-रानियों की याद दिलाती हैं। रुचिरा ने यह भी अहमदाबाद के विकास की चर्चा भी की है और कहा है कि मुंबई और दिल्ली से ऊपर रखकर अहमदाबाद का नाम विश्व धरोहर के नोमिनेशन के लिए यूनेस्कों में भेजा गया था।
अहमदाबाद, एक नजर:
कुल आबादी लगभग 4 लाख, अहमदाबाद को विश्व धरोहर वाले शहर का दर्जा देने के लिए कई देशों ने भारत का समर्थन किया। जिनमें तुर्की, लेबानन, क्यूबा और पोलैंड जैसे देश शामिल है। भारत के लिए यह गर्व की बात है कि देश का एक शहर विश्व धरोहर में शामिल हुआ है। इसका पूरा श्रेय शहर में रहने वालों लोगों को जाता है जिन्होंने 600 साल पुरानी नक्काशियों और कलाकृतियों को अभी भी जीवित रखा है।