Buddhadarshan News, New Delhi
अहिंसा, त्याग और तपस्या का संदेश देने वाले जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती गुरूवार 29 मार्च को भारत सहित पूरे विश्व में हर्षोल्लास से मनाई जाएगी। जैन मान्यताओं के अनुसार भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व बिहार के कुंडलपुर गणराज्य के के शाही परिवार में हुआ था। महावीर को ‘वर्धमान’, वीर’, ‘अतिवीर’ और ‘सन्मति’ भी कहा जाता है। उन्होंने कठोर तप से अपनी इच्छाओं पर काबू पा लिया। इसलिए उन्हें महावीर कहा गया। इन्द्रियों पर नियंत्रण की वजह से भगवान महावीर को ‘जीतेंद्र’ भी कहा गया।
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महावीर स्वामी के प्रमुख सिद्धांत:
महावीर स्वामी ने बताया कि अहिंसा ही परम धर्म है। अहिंसा ही सुख शांति देने वाली है। यही मानव का सच्चा धर्म है। महावीर मन-वचन-कर्म, किसी भी जरिए की गई हिंसा का निषेध करते हैं। महावीर स्वामी ने अपने प्रत्येक अनुयायी के लिए अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्चर्य और अपरिग्रह के पांच व्रतों का पालन करना आवश्यक बताया। सभी जैन मुनि, आर्यिका, श्रावक, श्राविका को इन पंचशील गुणों का पालन करना अनिवार्य है।