Buddhadarshan News, Lucknow
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य प्रतिनिधिमण्डल के साथ भगवान बुद्ध के अवशेषों को लेकर रूस के काल्मिकिया गणराज्य की राजधानी एलिस्ता पहुँचे, जहाँ उनको प्रदर्शित किया जाएगा। वहां पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में गये प्रतिनिधिमंडल सहित पवित्र अवशेषों का स्वागत काल्मिकिया गणराज्य के प्रमुख बातू सर्जेयेविच खासिकोव, भारत के राजदूत वी कुमार काल्मिक जनता के उच्च धर्मगुरु शाजिन लामा तथा अन्य भिक्षुगण एवं गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया।
रूस के काल्मीकिया गणराज्य के प्रस्थान से पूर्व पालम एयरपोर्ट पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा पूज्य भिक्षुगणों के साथ भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेषों का पूजन किया गया।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे जीवन का यह सौभाग्यशाली क्षण है, जब भगवान तथागत बुद्ध के पवित्र अवशेषों को लेकर रूस ( काल्मीकिया), जहां एक तरह से यूरोप का सबसे बड़ा भगवान तथागत बुद्ध का मंदिर है, वहां बहुत वरिष्ठ भिक्षुगणों के साथ जाने का मौका मिला है। इसके लिए उप मुख्यमंत्री श्री मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह अवशेष उत्तर प्रदेश के पिपरहवा से हैं, जो कपिलवस्तु की राजधानी हुआ करती थी और उसी में प्राप्त हुए, जिनका एक बहुत लम्बा इतिहास है और जिस दिन यह अवशेष हांगकांग से वापस प्राप्त हुए थे, उसी दिन प्रधानमंत्री जी ने इसे गर्व का दिन कहा था।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि निश्चित तौर पर भारत और रूस का बहुत पुराना संबंध है और हर समय जब भारत को जरूरत पड़ी तो रूस भारत के साथ खड़ा रहा और जब रूस को जरूरत पड़ी तो भारत रूस के साथ खड़ा रहा और यह एक अलग प्रकार से बल प्रदान करने वाला होगा।
भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के प्रदर्शनी के महत्व की चर्चा करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इससे द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने के साथ सांस्कृतिक व राजनैतिक रिश्तों में और गहराई आएगी तथा सभ्यतागत विरासत को पुनः स्थापित करना व भारत को बौद्ध धर्म की जन्मभूमि व परम्परा का संरक्षक स्थापित करना है।