पौराणिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के लिए चरणबद्ध रूप से होगा रोप-वे का संचालन
Buddhadarshan News, 21 April
मिर्जापुर स्थित अष्टभुजा देवी मंदिर एवं कालीखोह मंदिर के दर्शन हेतु पीपीपी मॉडल पर रोप-वे सेवा शुरू हो गई है। इससे विंध्याचल धाम आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को दर्शन करने में आसानी होगी। भविष्य में रोप-वे सेवा की लोकप्रियता एवं सफलता को देखते हुए पर्यटन के दृष्टि से अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर चरणबद्ध रूप से रोप सेवा शुरू करायी जायेगी।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने यह जानकारी देते हुए कहा कि विंध्याचल धाम पौराणिक एवं धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। वर्ष भर श्रद्धालुओं का यहां आना-जाना लगा रहता है। इसको दृष्टिगत रखते हुए प्रसिद्ध मंदिरों के आसानी से दर्शन हेतु रोप-वे सेवा की शुरूआत की गई है। वृद्ध श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि अष्टभुजा मंदिर के दर्शन के लिए प्रति व्यक्ति 60 रुपये तथा कालीखोह मंदिर के लिए 40 रुपये का भाड़ा तय किया गया है। रोप-वे की सेवा प्रातः 07:30 बजे से सूर्यास्त तक उपलब्ध होगी। दोनों स्थान विंध्य त्रिकोण यात्रा के अंतर्गत आते हैं। श्रद्धालुओं के यात्रा की सुविधा के लिए सभी इंतजाम हैं। प्रदेश के प्रमुख शहरों आगरा, मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज में हेलीपोर्ट की सुविधा शुरू किये जाने पर काम किया जा रहा है।
मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि विंध्याचल में रोप-वे शुरू करने के बाद बरसाना और प्रयागराज में रोप-वे सेवा शुरू की जायेगी।
चित्रकूट में रोप-वे की सेवा पहले से ही संचालित है। बाकी शहरों में यह सेवा क्रमिक रूप से शुरू की जायेगी। राज्य सरकार पर्यटन स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने पर काम कर रही है। यूपी को एडवेंचर टूरिज्म का हब बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। हेलीपोर्ट एवं वॉटर स्पोर्ट का कार्य प्रगति पर है। पर्यटन की गतिविधियां बढ़ने से पर्यटन सेक्टर में रोजगार के साथ राजस्व में वृद्धि होगी। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन सेक्टर की भूमिका एवं सहभागिता बढ़ेगी।