साहस, दृढ़ संकल्प और क्षमता से जुड़ी है प्रवासी भारतीयों की गाथा: सुषमा स्वराज
उत्तर प्रदेश के विकास में सहयोग करें प्रवासी भारतीय: योगी आदित्यनाथ
Buddhadarshan News, Varanasi
दुनिया की सबसे प्राचीन शहर वाराणसी स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में 15वें प्रवासी भारतीय दिवस की सोमवार से शुरूआत हो गई। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रवासी भारतीय दिवस 2019 के पहले दिन यूथ प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन किया। इस मौके पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राज्यवर्धन सिंह राठौर ने प्रवासी भारतीय समुदाय से नए भारत के निर्माण की अपील की। उन्होंने प्रवासी भारतीय समुदाय को भारत का सर्वश्रेष्ठ दूत बताया।
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इस अवसर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत असीमित अवसरों की भूमि है। प्रवासी भारतीय हमारी मातृभूमि की प्रगति में साझेदार हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि साझा पहचान और साझी समानता ऐसी प्रमुख विशेषताएं है, जो हम दोनों को बांधकर रखती हैं। श्रीमती स्वराज ने कहा कि प्रवासी भारतीयों की गाथा, साहस, दृढ़ संकल्प और क्षमता से जुड़ी है। उन्होंने गूगल के सीईओ सुन्दर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट सीईओ सत्या नडेला, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ का उदाहरण दिया।
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रवासी भारतीयों से उत्तर प्रदेश के विकास में बहुमूल्य योगदान की अपील की। नार्वे के सांसद तीस वर्षीय हिमांशु गुलाटी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन हमारी सबसे बड़ी सम्पत्ति हैं और युवाओं को महात्मा गांधी के इन मूल्यों को आत्मसात करना चाहिए।
सम्मानित अतिथि न्यूजीलैंड के सांसद कंवलजीत सिंह बख्शी ने कहा कि कृषि और बागवानी ऐसे प्रमुख क्षेत्र हैं, जहां भारत और न्यूजीलैंड सहयोग कर सकते हैं।उन्होंने दोहरी नागरिकता और राजनीति में सक्रिय भागीदारी के लिए अप्रवासी भारतीयों को राज्यसभा के लिए मनोनीत करने का अनुरोध किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल 15वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के पूर्णसत्र का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविन्द जगन्नाथ मुख्य अतिथि होंगे।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 23 जनवरी को कार्यक्रम का समापन करेंगे। इस मौके पर राष्ट्रपति भारत और विदेश में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए कुछ चुने हुए प्रवासी भारतीयों को प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित करेंगे।
कार्यक्रम के समापन के बाद 24 जनवरी को सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधि कुंभ मेले के लिए प्रयागराज जाएंगे। वे 25 जनवरी को दिल्ली आएंगे और राजपथ,नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड देखेंगे।