-‘खुले में शौच मुक्त’ होना मिर्जापुर के लिए बड़ी उपलब्धि होगी, जनपदवासियों के स्वास्थ्य में सुधार होगा: अनुप्रिया पटेल
Buddhadarshan News, Lucknow
उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार पूर्वांचल का मिर्जापुर जनपद अब विकास की ओर अग्रसर है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल का संसदीय क्षेत्र मिर्जापुर जनपद अगले महीने 17 सितंबर को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) हो जाएगा। यह उपलब्धि हासिल करने वाला मिर्जापुर पूर्वांचल का पहला जनपद होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल के विशेष पहल से मिर्जापुर जनपद में लगभग 100 फीसदी टॉयलेट निर्माण पूरा होने वाला है।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का कहना है कि खुले में शौच मुक्त होना मिर्जापुर जनपद के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। इस उपलब्धि के साथ ही जनपद में जनस्वास्थ्य से संबंधित संक्रामक बीमारियों में भी गिरावट आएगी। महिलाओं-बेटियों की सुरक्षा में वृद्धि होगी।
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आंकड़ों के मुताबिक मिर्जापुर जनपद में 393273 परिवार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान शुरू करने से पूर्व मिर्जापुर जनपद में केवल 44.98 परसेंट परिवारों के घरों में ही टॉयलेट निर्मित थें। लेकिन 2 अक्टूबर 2014 के बाद पिछले चार सालों के दौरान 222458 घरों में टॉयलेट निर्मित किए गए। जनपद के 12 विकास खण्ड, 809 ग्राम पंचायतें और 1877 गांवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है।
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मिर्जापुर प्रशासन का दावा है कि मिर्जापुर का विकास खण्ड सीखड़ प्रदेश का पहला खुले में शौच से मुक्त घोषित होने का गौरव प्राप्त कर चुका है।
पूर्वांचल में मात्र दो जिले खुले में शौच मुक्त होने की ओर:
केंद्र सरकार के अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन के तहत उत्तर प्रदेश पर नजर डालें तो ज्ञात होता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिले शत-प्रतिशत शौचालय का निर्माण के करीब हैं, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के मात्र दो जिले मिर्जापुर और भदोही ही इस सफलता को छूने के कगार पर हैं। मिर्जापुर जनपद जहां 17 सितंबर को ‘खुले में शौच मुक्त’ हो जाएगा, वहीं पड़ोसी जनपद भदोही सितंबर महीने के अंत तक इस सूची में शामिल हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश, खुले में शौच मुक्त आंकड़े:
9 जिले खुले में शौच मुक्त
93 ब्लॉक खुले में शौच मुक्त
22135 ग्राम पंचायत खुले में शौच मुक्त
47116 गांव खुले में शौच मुक्त
सबसे कम शौचालय का निर्माण:
गोंडा- 24.06 परसेंट
सिद्धार्थनगर- 24.86 परसेंट
आजमगढ़- 25.82 परसेंट
फतेहपुर- 26.41 परसेंट
लखीमपुर खीरी- 26.77 परसेंट