फरीदाबाद में एक साल पहले रेलवे ट्रैक पर रॉकी नामक डॉग का हो गया था एक्सीडेंट, दोनों पैर कट गए, पीएफए ने साल भर तक किया इलाज
Buddhadarshan News, 14 November
आज के दौर में इंसान के पास अपनों के लिए समय नहीं है, लेकिन ऐसे दौर में भी मानवता के कुछ ऐसे पुजारी हैं जो बेजुबानों के घावों पर भी सदैव मरहम लगाने के लिए तत्पर रहते हैं। फरीदाबाद की एक देशी डॉग का इलाज लंदन में कराया जाएगा। रॉकी नामक यह डॉग एक दुर्घटना में अपने दोनों पैर खो चुकी है। इसका इलाज लंदन की संस्था वाइल्ड एट हार्ट फाउंडेशन कराएगी। तत्पश्चात लंदन में ही इसे एक परिवार गोद ले लेगा।
पीपल फॉर एनिमल ट्रस्ट के संस्थापक रवि दूबे का कहना है कि रॉकी का एक साल पहले बल्लभगढ़ में रेलवे ट्रैक पर एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उसके दोनों पैर कट गए और बुरी तरह से घायल हो गई। आरपीएफ कांस्टेबल चंद्रपाल तंवर ने रॉकी को रेसक्यू करके उनकी संस्था के पास एडमिट करवाया। संस्था की ओर से रॉकी का एक साल तक इलाज किया गया। रॉकी अब पूरी तरह से ठीक हो गई है। रॉकी 18 नवंबर को लंदन के लिए रवाना होगी।
रॉकी को लेकर पीएफए ट्रस्ट ने एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई है, जिसे देश-विदेश में लोगों ने काफी पसंद किया। इस फिल्म को देखने के बाद ही लंदन की संस्था वाइल्ड एट हार्ट फाउंडेशन ने रॉकी के इलाज के लिए लंदन बुलाया है।
रॉकी का इलाज करने वाले डॉ.महेश वर्मा का कहना है कि चोट लगने की वजह से रॉकी के शरीर से काफी मात्रा में खून निकल गया था। ऐसे में रॉकी को एक तंदरुस्त डॉक का खून चढ़ाया गया। उसे काफी इंजेक्शन भी लगाए गए। रवि दूबे कहते हैं कि उनके सेंटर में हर महीने 25 से 30 स्ट्रीट डॉग का इलाज किया जाता है। उनके यहां गाय और कुत्तों की सेवा की जाती है। सरकार की ओर से उन्हें कोई फंड नहीं मिलता है।