Top tourist places of Ballia: Bhrigu Temple, Baleshwar Temple, IbrahimPatti,
Buddhadarshan News, Ballia
1857 की क्रांति या आजादी के बाद देश के ज्वलंत मुद्दों पर बलियावालों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। यह जनपद पर्यटन के तौर पर भी काफी संपन्न है। गंगा और सरयू नदी के बीच स्थित इस जनपद में महर्षि भृगु का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। इसके अलावा शहर में ही भगवान शंकर का बालेश्वर मंदिर है। पौराणिक कथाओं में भी बलिया का काफी उल्लेख है। प्राचीन काल में यहां बौद्ध धर्म का भी काफी प्रभाव था। यह जनपद वाराणसी से लगभग 150 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां पर ट्रेन अथवा बस के अलावा अब जल मार्ग से भी जाने की सुविधा विकसित हो रही है। बलिया में भृगु मंदिर, बालेश्वर मंदिर, इब्राहिमपट्टी, अवधूतेश्वर महादेव मंदिर, जयप्रकाश नगर जैसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं।
Tourist places in Ballia: Bhrigu Temple, Baleshwar Temple, Ibrahim Patti,
Avadhooteshwar Mahadev Temple, Jaiprakash Nagar, Brahmani Devi, Surha Tal,
Sonadih.
महर्षि भृगु मंदिर:
विश्व प्रसिद्ध यह मंदिर बलिया शहर में स्थित है। जिला मुख्यालय से एक km दूर बलिया-छपरा मुख्य मार्ग पर स्थित है। मंदिर के प्रांगण में ही भगवान चित्रगुप्त जी का भी भव्य मंदिर है।
महर्षि भृगु के शिष्य दरदर मुनि के नाम पर हर साल नवंबर में ददरी मेला का आयोजन होता है। यह मेला एक लगभग 15 दिनों तक चलता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा किनारे ऐतिहासिक स्नान का आयोजन होता है। इसमें दूर-दूर से लाखों लोग स्नान करने आते हैं।
भगवान शंकर का यह मंदिर शहर में मुख्य बाजार के पास स्थित है। जिला मुख्यालय से लगभग आधा km दूर है। लगभग 70 साल पहले पवित्र गंगा नदी इस मंदिर से महज 300 मीटर की दूरी पर बहती थीं। पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा बलि ने यहां पर यज्ञ किया था।
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सोनाडीह भवानी मंदिर:
जिला मुख्यालय से लगभग 68 किमी दूर यह ऐतिहासिक मंदिर स्थित है। बेल्थरा रोड कस्बा से लगभग 8 किमी दूर सरयू नदी के किनारे यह ऐतिहासिक मंदिर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहां पर मां दुर्गा ने रक्तबीज नामक राक्षस का वध किया था। इसके अलावा मां दुर्गा ने मधु-कैटव व शुम्भ-निशुम्भ नामक राक्षसों का वध किया था। यहां पर हर साल चैत्र मास में मेला लगता है।
पर्यटन का नया केंद्र इब्राहिमपट्टी स्थित अवधूतेश्वर महादेव मंदिर
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का यह जन्मस्थल है। चंद्रशेखर ने यहां पर दक्षिण भारतीय शैली में भगवान अवधूतेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण कराया है। अब यह एक नया तीर्थस्थल के तौर पर विकसित हो रहा है।
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जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी की दूर पर बलिया-छपरा मार्ग पर जयप्रकाश नगर स्थित है। यह नगर गंगा एवं सरयू नदी के संगम के पास स्थित है। यह नगर महान समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण (जेपी) के नाम पर स्थापित है। प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने अपने गुरू जेपी के नाम पर इस नगर को स्थापित किया। इसे पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया गया है।
शंकरपुर स्थित शंकरी देवी का मंदिर:
बलिया मनियर मार्ग पर जिला मुख्यालय से 5 किमी दूर यह मंदिर स्थित है। प्रतिवर्ष नवरात्र में यहां पर भक्तों की काफी भीड़ लगती है।
मां ब्रह्मणी देवी:
जिला मुख्यालय से लगभग 8 किमी की दूरी पर यह ऐतिहासिक प्राचीन मंदिर स्थित है। यहां भी प्रतिवर्ष नवरात्र के समय भक्तों की काफी भीड़ लगती है। इसके अलावा गाजीपुर-बक्सर सीमा पर स्थित मां मंगला भवानी का मंदिर स्थित है।
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सुरहा ताल:
पौराणिक कथा के अनुसार राजा सूरथ अपने सैनिकों के साथ युद्ध लड़कर वापस जा रहे थे। इसी बीच प्यास बुझाने के लिए उन्होंने अपने सैनिकों से पानी लाने को कहा। सैनिक पास के जंगल में स्थित सरोवर से पानी लाए। राजा ने इस पानी से जैसे ही अपना हाथ धोया, उसके घाव सूखने लगे। इसके बाद उन्होंने वहां पर तीन साल तक मां की अराधना की । मान्यता है कि इसी सरोवर को सूरहा ताल कहा गया। और जिस देवी की उन्होंने अराधना की, उन्हें मां ब्रह्माणी कहा गया।
यह सरोवर वर्तमान में जनपद के युवाओं के लिए एक पिकनिक स्पॉट के तौर पर भी प्रसिद्ध हो गया है।