बोधिसत्व डॉ.सोनेलाल पटेल के संदेश
Buddhadarshan News, Lucknow
1.जातियां इंसानों में नहीं होती हैं। जातियां पशु-पक्षी और वनस्पतियों में पायी जाती हैं।
2.राजनैतिक परिवर्तन के बगैर सारे परिवर्तन असंभव हैं। इसलिए कमेरों आगे बढ़ो और सत्ता पर कब्जा करो।
3.भारत में अनेक जाति-बिरादरी और मजहब के लोग रहते हैं। उनको उनकी संख्या के अनुपात में शासन प्रशासन एवं देश के हर पार्ट में उनकी हिस्सेदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
4.कृषि को उद्योग का दर्जा दिया जाए। फसल की लागत निर्धारित करते हुए किसानों को उनकी कीमत रखने का अधिकार मिलना चाहिए।
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5.देश में सेलेक्टेड (चपरासी से आईएएस तक) और इलेक्टेड (जनप्रतिनिधि) लोगों की तरह देश की आम जनता को भी मतदाता पेंशन के रूप में पेंशन देना चाहिए।
6.मतदाता पेंशन यदि लागू हो जाए तो जो आज 50 से 60 परसेंट मतदान होता है। यह मतदान परसेंट स्वत: बढ़कर 90 परसेंट से ऊपर हो जाएगा।
7.मतदाता पेंशन लागू होने से आर्थिक आजादी आएगी। इससे देश में तमाम फर्जी योजनाएं चल रही हैं वो स्वत: बंद हो जाएंगी।
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8.भारतीय समाज में जो व्यक्ति मेहनतकश कमेरा है, काम करके खाता है और सबको खिलाता है उसे नीच और जो कुछ नहीं करता केवल लूटेरा है, शोषण करके खाता है उसे उच्च कोटि का कहने की परंपरा गलत है और जब तक कमेरों को सम्मान नहीं मिलेगा, तब तक देश में नक्सलवाद, माओवाद, आतंकवाद, को समाप्त करना संभव नहीं है।
9.आतंकवाद, माओवाद, नक्सलवाद ये सभी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जो ताकत से नहीं वैचारिक परिवर्तन के जरिए उनकी हिस्सेदारी को सुनिश्चित करके समाप्त किया जा सकता है।
10.देश में दोहरी शिक्षा प्रणाली समाप्त कर एक समान शिक्षा प्रणाली लागू की जानी चाहिए।
(राजेंद्र प्रसाद पाल जी, प्रदेश अध्यक्ष अपना दल (एस) से बातचीत पर आधारित)