How to reach Lauria Areraj, Ashokan Pillar
Buddhadarshan News, 2 November
भगवान बुद्ध Buddha ने घर त्यागने के बाद भिखना ठोरी के रास्ते तमसा नदी
पार की और रामपुरवा पहुंचे।
यहां उन्होंने राजसी वस्त्रों का त्याग करने के बाद आम आदमी का जीवन गुजारने लगे।
उन्होंने लौरिया Lauria पहुंच कर भगवान बुद्ध ने मुंडन Bald कराया।
इसके बाद वे अपनी धर्म यात्रा पर निकल पड़े।
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सम्राट अशोक Emperor Ashoka ने पश्चिम चंपारण जिला के लौरिया अरेराज में 249 बीसी अशोक स्तंभ स्थापित करवाया।
इस स्तंभ के शीर्ष पर बैठे हुए शेर की आकृति बनी है।
जो सम्राट अशोक के शासन काल में शौर्य और वैभव का प्रतीक है।
इस पर नागरिकों को मानव धर्म का पालन करने का संदेश अंकित है।
चंपारण निवासी एवं दिल्ली में भोजपुरी जन जागरण अभियान के अध्यक्ष संतोष पटेल Santosh Patel कहते हैं,
“इस ऐतिहासिक स्थल पर बस, ट्रेन, टैक्सी अथवा फ्लाइट के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं।”
पटना से 149 किमी की दूरी पर लौरिया स्तंभ स्थित है।
पटना स्थित जेपी इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश के अन्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट से वेल कनेक्ट है।
पटना से आप बस अथवा टैक्सी के जरिए आसानी से यहां पर पहुंच सकते हैं।
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लौरिया से 30 किमी की दूरी पर बापूधाम रेलवे स्टेशन, मोतिहारी स्थित है।
यहां देश के अन्य हिस्सों से एक्सप्रेस ट्रेन आती हैं।
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बस से कैसे पहुंचे लौरिया:
लौरिया से तीन किमी की दूरी पर राजमार्ग 54 पर अरेराज बस स्टेशन है।
यहां से आपको बिहार के अन्य हिस्सों के लिए बस अथवा टैक्सी सर्विस मिल जाएगी।
रात्रि विश्राम:
लौरिया से नरकटियागंज की दूरी 20 किमी है।
आप बेतिया या नरकटियागंज में रात्रि विश्राम कर सकते हैं।
लौरिया बाजार में ठहरने की अच्छी व्यवस्था नहीं है।
(नोट: यात्रा से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी के लिए आप संपर्क करें, बुद्धादर्शन की टीम आपकी सहायता के लिए सदैव उपलब्ध है।)
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